world wide web ka avishkar kisne kiya और कैसे हुआ? जानें टिम बर्नर्स-ली की कहानी और वेब के विकास की यात्रा। इंटरनेट की दुनिया में क्रांति लाने वाले इस आविष्कार के बारे में पढ़ें।
वर्ल्ड वाइड वेब का आविष्कार किसने किया: जानें
क्या आप जानते हैं कि वर्ल्ड वाइड वेब का आविष्कार किसने किया था? यह प्रश्न दुनिया को एक साथ जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी के बारे में है। आइए एक यात्रा पर चलें और देखें कि कैसे एक ब्रिटिश वैज्ञानिक ने इसे विकसित किया।
यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संगठन (CERN) में काम करते हुए, टिम बर्नर्स-ली ने 1989 में वर्ल्ड वाइड वेब का आविष्कार किया। यह प्रणाली ने दुनिया को पूरी तरह से बदल दिया। लोग अब जानकारी प्राप्त करने, साझा करने और संवाद करने में मदद मिली।
टिम बर्नर्स-ली को 2004 में सर की उपाधि से सम्मानित किया गया। यह उनके इस महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाता है।
इस लेख में हम विस्तृत रूप से जानेंगे कि टिम बर्नर्स-ली द्वारा विकसित की गई इस प्रौद्योगिकी ने कैसे दुनिया को बदल दिया। हम देखेंगे कि यह कैसे इंटरनेट की नींव बनी।
विश्व व्यापी वेब के जनक टिम बर्नर्स ली
सर टिम बर्नर्स ली, एक प्रमुख ब्रिटिश कंप्यूटर वैज्ञानिक, वर्ल्ड वाइड वेब का आविष्कारक हैं। उन्होंने 1989 में CERN में काम करते हुए इस क्रांतिकारी तकनीक का विकास किया था।
टिम बर्नर्स ली का जन्म 8 जून, 1955 को ब्रिटेन के लंदन में हुआ था। उन्होंने अपने कारगर अभियान के माध्यम से अतुलनीय रूप से संचार और जानकारी साझा करने के लिए नए मार्ग खोले। बर्नर्स ली ने वर्ल्ड वाइड वेब को वर्तमान रूप में लाने के लिए हाइपरलिंक, यूआरआई और एचटीटीपी जैसी अभिनव तकनीकों का विकास किया।2024 world wide web ka avishkar kisne kiya
वर्ष | महत्वपूर्ण घटना |
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1989 | टिम बर्नर्स ली ने CERN में काम करते हुए वर्ल्ड वाइड वेब का आविष्कार किया। |
1991 | पहली वेबसाइट 6 अगस्त को लाइव हुई और वर्ल्ड वाइड वेब दिवस हर साल 1 अगस्त को मनाया जाता है। |
1992 | सर टिम बर्नर्स ली ने वर्ल्ड वाइड वेब को सार्वजनिक रूप से जारी किया। |
आज, टिम बर्नर्स ली एक प्रसिद्ध और प्रभावशाली व्यक्ति हैं, जिन्हें वर्ल्ड वाइड वेब की सफलता के लिए सम्मानित किया गया है। उनके अथक प्रयासों ने दुनिया को एक नए संचार और ज्ञान के युग में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
“वर्ल्ड वाइड वेब ने हमारे जीवन को पूरी तरह बदल दिया है। यह हमें जानकारी और संचार के एक नए युग में ले आया है।”
– टिम बर्नर्स ली
हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (HTML) का विकास
हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (HTML) एक मार्कअप भाषा है। यह वेब पेजों को संरचित करने में मदद करती है। HTML का विकास 1990 के दशक में शुरू हुआ और अब यह वर्ल्ड वाइड वेब की आधारभूत तकनीक है।
HTML का इतिहास
HTML को पहली बार 1993 में रिलीज किया गया था। यह भाषा अब 31 वर्ष पुरानी हो गई है। HTML का नवीनतम संस्करण 5.2 है, जबकि 5.3 का एक कार्यशील मसौदा 14 दिसंबर, 2017 को जारी किया गया था।
HTML के तत्व वेब पृष्ठों के निर्माण के लिए मूलभूत ईंट हैं। इसमें इंटरैक्टिव फॉर्म, इमेज और अन्य ऑब्जेक्ट्स को एम्बेड करने की क्षमता है। वर्ल्ड वाइड वेब कंसोर्टियम (W3C) ने 1997 से HTML के साथ CSS के उपयोग को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है।
“वर्ल्ड वाइड वेब वास्तव में वैश्विक संचार का एक नया माध्यम है।”
– टिम बर्नर्स-ली
टिम बर्नर्स-ली, एक ब्रिटिश भौतिक वैज्ञानिक, ने 1980 के दशक के अंत में शोधकर्ताओं के बीच दस्तावेजों को साझा करने के लिए एक प्रणाली का प्रस्ताव रखा। 1989 में उन्होंने इंटरनेट-आधारित हाइपरटेक्स्ट प्रणाली के लिए एक प्रस्ताव लिखा।
1991 के अंत में टिम बर्नर्स-ली द्वारा प्रकाशित पहला सार्वजनिक रूप से उपलब्ध HTML दस्तावेज 18 सरल डिजाइन तत्वों का वर्णन करता था। HTML 2.0 को 24 नवंबर, 1995 को RFC 1866 के रूप में प्रकाशित किया गया था। इसमें फ़ॉर्म-आधारित फ़ाइल अपलोड, तालिकाएं, क्लाइंट-साइड इमेज मैप, अंतर्राष्ट्रीयकरण आदि जैसी अतिरिक्त क्षमताएं शामिल थीं।
HTML संस्करण | वर्ष | मुख्य विशेषताएं |
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HTML 2.0 | 1995 | फ़ॉर्म-आधारित फ़ाइल अपलोड, तालिकाएं, क्लाइंट-साइड इमेज मैप, अंतर्राष्ट्रीयकरण |
HTML 3.2 | 1997 | पहली औपचारिक संस्करण, W3C द्वारा विकसित और मानकीकृत |
HTML 4.01 | 1999-2001 | 1999 के अंत में प्रकाशित और 2001 तक इटरेट किया गया |
HTML 5 | 2014 | W3C द्वारा 2004 में विकसित और 28 अक्टूबर, 2014 को अंतिम रूप से मानकीकृत |
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वर्ल्ड वाइड वेब का आविष्कार टिम बर्नर्स-ली ने 1989 में किया था। बर्नर्स-ली CERN में काम करते हुए तीन महत्वपूर्ण तकनीकें बनाईं। ये तकनीकें – HTML, URI और HTTP – वर्ल्ड वाइड वेब को विकसित करने में मददगार साबित हुईं।
बर्नर्स-ली के इस अविष्कार ने दुनिया भर में सूचना साझाकरण और संचार को बदल दिया। आज, वर्ल्ड वाइड वेब हमारे दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके बिना, हमारा जीवन बहुत अलग होता।
“वर्ल्ड वाइड वेब का आविष्कार और उसका प्रसार दुनिया को जोड़ने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है।”
CERN में काम करते हुए, बर्नर्स-ली ने वर्ल्ड वाइड वेब की संकल्पना दी। 1990 में, रॉबर्ट कैलियौ के साथ मिलकर, उन्होंने इसका विकास किया। उनका यह अविष्कार तकनीकी क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाया।
यूनिफॉर्म रिसोर्स आइडेंटिफायर (URI) और हाइपरलिंक
टिम बर्नर्स-ली ने वर्ल्ड वाइड वेब को शुरू किया। उन्होंने यूनिफॉर्म रिसोर्स आइडेंटिफायर (URI) का आविष्कार किया। यह वेब पर संसाधनों को पहचानने के लिए एक विशेष पता देता है।
URI को अक्सर यूआरएल कहा जाता है। यह वेब पर जाने का एक विशिष्ट तरीका है।
यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर (URL) का महत्व
URL का आविष्कार 1994 में टिम बर्नर्स ली ने किया। यह एक वेबसाइट का विशिष्ट पता है।
URL का उपयोग वेबसाइट तक पहुंचने के लिए किया जाता है। यह तीन भागों से बनता है।
URL के दो प्रकार होते हैं: Absolute और Relative। दो प्रकार के रिडायरेक्ट होते हैं: 301 और 302।
URL में विभिन्न घटक होते हैं। जैसे HTTP, www, और Domain Name।
URL और URI में अंतर है। URL वेब पेज तक पहुंचता है। जबकि URI सामग्री को पहचानता है।
हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (HTTP) का उद्भव
सर टिम बर्नर्स-ली ने वर्ल्ड वाइड वेब को आगे बढ़ाने के लिए तीन महत्वपूर्ण तकनीकें बनाईं। हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (HTTP) उनमें से एक है। यह प्रोटोकॉल वेब पर लिंक किए गए संसाधनों तक पहुंचने की अनुमति देता है।
HTTP प्रोटोकॉल ने वेब के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह वेब पर उपलब्ध संसाधनों को एक्सेस करने में मदद करता है। हाइपरलिंक के माध्यम से वेब पृष्ठों के बीच जाना भी इस प्रोटोकॉल का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
टिम बर्नर्स-ली ने HTTP प्रोटोकॉल के माध्यम से वेब पृष्ठों को संचालित करने में मदद की। यह प्रोटोकॉल वेब के विकास में महत्वपूर्ण रहा है। आज भी, यह वेब पर संचार का एक प्रमुख मानक है।
इंटरनेट के विकास में वर्ल्ड वाइड वेब का योगदान
वर्ल्ड वाइड वेब ने इंटरनेट को बदल दिया है। यह लोगों को जानकारी प्राप्त करने और साझा करने का एक नया तरीका दिया। अब लोग अपने काम और विचारों को सोशल नेटवर्किंग, ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से दुनिया के सामने ला सकते हैं।
इसने संचार और जानकारी साझा करने के नए रास्ते खोले। लोग अब जुड़ सकते हैं और अपने विचार प्रकाशित कर सकते हैं। इससे दुनिया के लोगों के बीच संबंध मजबूत होते हैं।
निस्संदेह, वर्ल्ड वाइड वेब ने इंटरनेट के विकास में बड़ा योगदान दिया है। यह संचार और जानकारी साझाकरण के लिए एक नए माध्यम को पेश किया है।