Computer Ka Avishkar Kisne Kiya in hindi: जानिए कंप्यूटर के इतिहास की रोचक कहानी। चार्ल्स बैबेज से लेकर आधुनिक डिजिटल कंप्यूटर तक का सफर।
Computer Ka Avishkar Kisne Kiya in hindi: जानें इतिहास
क्या आप जानते हैं कि कंप्यूटर का अविष्कार लगभग दो हजार साल पहले हुआ था? इसकी शुरुआत अबेकस नामक यंत्र से हुई। अबेकस लकड़ी का रैक होता है, जिसमें दो तार और मणिका आकार की वस्तुएं लगी होती हैं।
इन तारों को घुमाकर, लोग गणित के सरल प्रश्नों का हल निकालते थे। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कंप्यूटर के विकास में कौन से महत्वपूर्ण आविष्कारकों ने योगदान दिया?
कंप्यूटर का इतिहास: जड़ों की ओर एक नजर
कंप्यूटर का इतिहास बहुत पुराना है। इसकी शुरुआत अबेकस से हुई, जो लगभग 3000 ईसा पूर्व में बेबीलोन में बनाया गया था। इसके बाद, अन्य यांत्रिक गणक उपकरणों का आविष्कार हुआ।
जैसे कि मिस्र में मणिका एवं तार अबेकस, जापान में कंप्यूटिंग ट्रे, और ऑरिलीक के गरबर्ट या पोप द्वारा नए अबेकस का आविष्कार। ये उपकरण कंप्यूटर के विकास के लिए मार्ग प्रशस्त किए।
बीते दिनों में कंप्यूटर के विकास का सफरनामा
कंप्यूटर की यात्रा में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हैं। चार्ल्स बैबेज का जन्म 1791 में हुआ था। उन्होंने 1810 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ाई की।
बैबेज ने 1812 में डिफरेंस इंजन का डिजाइन शुरू किया। उन्होंने एनालिटिकल इंजन की भी अवधारणा दी।
चार्ल्स बैबेज को “कंप्यूटर का जनक” कहा जाता है। उनके अविष्कारों ने प्रोग्राम करने योग्य मशीनों की विचारधारा को शुरू किया।
प्रारंभिक अबेकस और अन्य यांत्रिक गणक उपकरणों की उत्पत्ति
अबेकस एक प्राचीन गणना उपकरण है। इसका उपयोग बेबीलोन, चीन और अन्य प्राचीन संस्कृतियों में होता था।
इसके अलावा, मिस्र में मणिका एवं तार अबेकस, जापान में कंप्यूटिंग ट्रे, और ऑरिलीक के गरबर्ट या पोप द्वारा नए अबेकस का आविष्कार हुआ।
इन प्रारंभिक गणक उपकरणों ने कंप्यूटर के विकास का मार्ग प्रशस्त किया। वे आधुनिक कंप्यूटरों की नींव रखी।
चार्ल्स बैबेज: कंप्यूटर के जनक
चार्ल्स बैबेज एक अंग्रेजी गणितज्ञ थे। उन्होंने 1800 के दशक में कंप्यूटर बनाने का सपना देखा। 1827 में उन्होंने ब्रिटिश सरकार से धन मांगा।
उन्होंने सालों तक डिफरेंस इंजन और एनालिटिकल इंजन पर काम किया।
प्रारंभिक यांत्रिक कंप्यूटरों के डिजाइन और विकास में बैबेज का योगदान
चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर के जनक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने स्वचालित गणना मशीनों का डिजाइन किया।
उनके डिफरेंस इंजन और एनालिटिकल इंजन ने कंप्यूटर प्रौद्योगिकी की आधारशिला रखी।
डिफरेंस इंजन और एनालिटिकल इंजन: बैबेज की महत्वपूर्ण परियोजनाएं
बैबेज ने 1822 में डिफरेंस इंजन बनाया। यह मशीन जटिल गणितीय तालिकाओं की गणना कर सकती थी।
1854 में उन्होंने एनालिटिकल इंजन बनाने का प्रयास किया। यह एक सार्वभौमिक कैलकुलेटर था।
हालांकि, इन परियोजनाओं को पूरा नहीं कर पाए। लेकिन उनके प्रयास आधुनिक कंप्यूटर की खोज को नई दिशा दिए।
चार्ल्स बैबेज के इन आविष्कारों ने कंप्यूटर विज्ञान में क्रांति लाई। उन्हें कंप्यूटर के जनक के रूप में जाना जाता है।
कंप्यूटर विकास की पीढ़ियां
कंप्यूटर के विकास में कई पीढ़ियों ने योगदान दिया। पहली पीढ़ी में वैक्यूम ट्यूब आधारित कंप्यूटर बने। इनमें एनियाक, एडवाक और कोलोसस जैसे प्रमुख मॉडल थे। ये कंप्यूटर बहुत भारी और जटिल थे।
ट्रांजिस्टर आधारित दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर
इसके बाद, ट्रांजिस्टर आधारित कंप्यूटरों का विकास हुआ। इसमें आई.बी.एम. 604, आई.बी.एम. 701 और यूनीवैक जैसे मॉडल प्रमुख थे। ये कंप्यूटर अपने समय में बहुत उन्नत और शक्तिशाली माने जाते थे।
पीढ़ी | वर्ष | प्रमुख विशेषताएं |
---|---|---|
पहली पीढ़ी | 1946-1959 | वैक्यूम ट्यूब आधारित कंप्यूटर (एनियाक, एडवाक, कोलोसस) |
दूसरी पीढ़ी | 1956-1963 | ट्रांजिस्टर आधारित कंप्यूटर (आई.बी.एम. 604, आई.बी.एम. 701, यूनीवैक) |
तीसरी पीढ़ी | 1965-1971 | इंटीग्रेटेड सर्किट (चीप) का इस्तेमाल |
चौथी पीढ़ी | 1970-1985 | माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग |
पांचवीं पीढ़ी | 1985-अब तक | आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग |
Computer Ka Avishkar Kisne Kiya in hindi: कुछ प्रमुख आविष्कारक
कंप्यूटर के विकास में कई वैज्ञानिकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चार्ल्स बैबेज ने पहला कंप्यूटर बनाया। जॉन नेपियर ने गणना के लिए प्रणाली बनाई।
विलियम आउट्रेड ने स्लाइड रूल बनाया। हरमन होलेरिथ ने टेबुलेटिंग मशीन बनाई। एलेन ट्यूरिंग ने एक मशीन बनाई जो किसी भी गणना को कर सकती थी।
इन आविष्कारकों ने कंप्यूटर के विकास में बड़ा योगदान दिया। आर्कीमिडीज ने 287-212 ईसा पूर्व में यूनान में काम किया। एल-ख्वारिज्मी ने 780-850 में फारस में काम किया। अर्गण्ड लैम्प ने 1750-1803 में फ्रांस में काम किया।
हरमन होलेरिथ ने विद्युत यांत्रिक टेबुलेटिंग मशीन बनाई। 1911 में उन्होंने IBM की स्थापना की। पंच कार्ड का आविष्कार भी उनका ही है।
इन सभी ने कंप्यूटर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे कंप्यूटर के प्रमुख आविष्कारक हैं।
आधुनिक कंप्यूटरों के विकास में आईबीएम का योगदान
आईबीएम ने कंप्यूटर के विकास में बड़ा योगदान दिया है। 1948 में, आईबीएम ने 604 इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर को लॉन्च किया। यह उस समय एक बड़ी उपलब्धि थी।
इसके बाद, 1958 में आईबीएम ने 701 और 704 जैसे उन्नत कंप्यूटर लॉन्च किए। ये कंप्यूटर व्यावसायिक और वैज्ञानिक कार्यों के लिए उपयोग किए जाते थे।
आईबीएम ने कंप्यूटर तकनीकों में लगातार आगे बढ़ाया है। उन्होंने Summit जैसे शक्तिशाली सुपरकंप्यूटर विकसित किए। ये सुपरकंप्यूटर विभिन्न उद्योगों में उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग के लिए उपयोग किए जाते हैं।
आईबीएम ने कंप्यूटर प्रौद्योगिकी को उद्योग और उपभोक्ता उत्पादों में भी लागू किया है। उन्होंने नियंत्रण प्रणालियों, रोबोटिक्स और डिजाइन प्रक्रियाओं में भी योगदान दिया है।
इन योगदानों से आईबीएम को कंप्यूटर उद्योग में एक प्रमुख खिलाड़ी बना दिया गया है।
“आईबीएम ने कंप्यूटर उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और नवीनतम प्रौद्योगिकियों को लाकर इस क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन किए हैं।”
कुल मिलाकर, आईबीएम ने कंप्यूटर के विकास और आधुनिक कंप्यूटरों के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
कंप्यूटर की क्रांति: ट्यूरिंग की महान खोज
कंप्यूटर की क्रांति में एलेन ट्यूरिंग का योगदान बहुत बड़ा है। उन्होंने 1936 में एक मशीन बनाई जो किसी भी गणित को हल कर सकती थी। यह मशीन एलेन ट्यूरिंग के नाम से जानी जाती है।
यह मशीन ने मशीन की सीखने की क्षमता को दिखाया। इसके बाद, कंप्यूटर असंभव कार्य भी कर सकते हैं।
ट्यूरिंग का यह अवदान कंप्यूटर की क्रांति को नई ऊंचाइयों तक ले गया। उनका अविष्कार आधुनिक कंप्यूटर प्रौद्योगिकी के विकास में महत्वपूर्ण है।
आज के कंप्यूटरों के विकास में उनका योगदान बहुत बड़ा है।
कंप्यूटर क्षेत्र में ट्यूरिंग का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उनके अवदान से कंप्यूटर प्रौद्योगिकी का विकास बहुत तेजी से हुआ है।